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लेखनी प्रतियोगिता-स्वाभिमान -02-May-2023

स्वाभिमान

मैं ही सब कुछ हूं
मैं नहीं तो परिवार अधूरा है
मेरे बिना सबका काम नही चल सकता है
एक भूल और अभिमान का प्रतीक है

अभिमान घमंड को जन्म देता है
और घमंडी का सर सदैव नीचे रहता है
रावण का अभिमान उसे नष्ट कर गया
कंस का अभिमान मिट्टी में मिल गया
दशानंद मिट्टी में मिला अभिमान से
राम ने विजय पाई स्वाभिमान से 

स्वाभिमान अच्छा है
आत्म सम्मान बल देता है
लघुता से प्रभु मिले प्रभुता से प्रभु दूर
चींटी ले शक्कर चली हाथी के सर धुरी 
फल से लदा पेड़ झुका रहता
अभिमान से खुजर के फल कितने ऊपर लगते
स्वाभिमान से सभी कुछ मिलता
अभिमान सर को नीचे करवाता।।

✍️ विजय पोखरणा "यस"
💐💐🙏 HBU EXTN, 
AJMER (Raj)
          9530399703         
Director of Modulus Academy
Committed towards excellent education and Consultant for Higher study in Abroad at renowned foreign universities and colleges 🙏💐💐

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6 Comments

Abhinav ji

03-May-2023 07:50 AM

Very nice 👍

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VIJAY POKHARNA "यस"

03-May-2023 07:51 AM

Thanks 🙏

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Punam verma

03-May-2023 07:11 AM

Very nice

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VIJAY POKHARNA "यस"

03-May-2023 07:52 AM

Thanks 🙏

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Muskan khan

02-May-2023 11:14 PM

Nice

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VIJAY POKHARNA "यस"

03-May-2023 07:52 AM

Thanks 🙏

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